Tuesday, November 14, 2023

कलयुग का अंत कब और कैसे होगा | Kalyug ka Ant Kab Hoga?


कलयुग का अंत कब होगा:- जब से दुनिया में पाप बढ़ने लगे हैं हर कोई एक ही सवाल कर रहा है आखिरकार यह कलयुग का अंत कब होगा और कैसे होगा, तो आइए इस आर्टिकल में हम जानते हैं। कि कलयुग का अंत कब होगा? 



कलयुग एक ऐसा शब्द है जिसका उपयोग हिंदू धर्म में वर्तमान युग संदर्भित करने के लिए किया जाता है। जिसे नैतिक और नैतिक पतन, अराजकता और पीड़ा की विशेषता माना जाता है। 


Kalyug ka Ant Kab Hoga?

गोस्वामी तुलसीदास जी श्रीमद् भागवत और रामायण के अनुसार ही रामचरित के उत्तराखंड में काकभुशुंडी का अपने पूर्व जन्म कथा हरकली महिमा का वर्णन करने का उल्लेख करते हैं। कई 1000 वर्ष पूर्व भागवत में सुखदेव जी ने जिस बारीकी से और विस्तार से कलयुग का वर्णन किया है वह हमारी आंखों को खोलने के लिए काफी है।।


आज सब तरफ उसी वर्णन के अनुसार घटनाएं घट रही है और आगे भी जोर लिखा है वैसा ही घटेगा। ऐसा प्रतीत होता है तो मित्रों आइए मिलकर जानते हैं कि हमारे धर्म ग्रंथों में कलयुग का वर्णन मिलता है। 


और यह कब और कैसे समाप्त होगा? कलयुग यानि काला युग, कल एकल एश का युग, जिस युग में सभी के मन में असंतोष सभी मानसिक रूप से दुखी हो कलयुग है इस युग में धर्म का सिर्फ एक चौथाई रह जाता है। कलयुग का प्रारंभ 3102 ई० पूर्व में हुआ था। 


श्रीमद्भागवत पुराण और भविष्य पुराण में कलयुग के अंत का वर्णन मिलता। कलयुग में भगवान कालिक अवतार होगा, जो पापियों का संघार करके फिर से सतयुग की स्थापना करेंगे, कब होगा कलयुग का अंत? 3102 ई० 5 ग्रह मंगल, बुध, शुक्र,  बृहस्पति और शनि मेष राशि पर जीरो डिग्री पर हो गए थे। कलयुग तभी से प्रारंभ हुआ। 


कलयुग की अवधि 1200 दिव्य वर्ष बताई गई है। मनुष्य का एक महीना पितरों के 1 दिन रात के बराबर होता है, वही मनुष्य का 1 वर्ष देवता के 1 दिन रात के बराबर है और मनुष्य के 30 वर्ष देवता के सिर्फ 1 महीने के बराबर होते हैं। कलयुग की अवधि 1200 वर्ष बताई गई है। इस हिसाब से कलयुग का काला 4,32,000 साल चलेगा इसका मतलब है कि कलयुग के अभी 3102 जमा 2023 , 5118 वर्ष बीत चुके हैं। और 4,26,875 वर्ष अभी बाकी है। मनुष्य के 8,84,000 वर्ष की 24 वर्ष तथा एक द्वापर युग के बराबर होते हैं तो वही श्वेता युग 3600 वर्ष का होता है जिसमें मनुष्य की 12,96,000 वर्ष आते हैं। 


कलयुग बाकी सभी युवाओं से छोटा युग है। यहां एक द्वापर युग में 2400 दिव्य वर्ष या फिर 8,64,000 मनुष्य के वर्ष आते हैं। वही एक त्रेतायुग में 36 व दिव्य वर्ष या फिर 12,96,000 मनुष्य वर्ष आते हैं। इसी क्रम में एक सत्य युग 4800 दिव्य वर्ष का होता है, जो मनुष्य के हिसाब से 17,28,000 वर्षों के बराबर है। इन सब का कुल योग 12,000 दिव्य वर्ष जो मानव के हिसाब से 43,20,000 वर्षों के बराबर है, कुल मिलाकर एक महायोग बनाते हैं। 


कलयुग क्या है? 

हिंदू ब्राह्मण विज्ञान में कलयुग चौथा और वर्तमान युग है। यह नैतिकता और आत्मिक ता में गिरावट का समय माना जाता है, और यह हिस्सा, लालच और विश्वास की कमी की विशेषता है। 


"कलि" शब्द का अर्थ है "संघर्ष" या "कलह" और युग का नाम दानव काली के नाम पर रखा गया है। कहां जाता है कि कलयुग की शुरुआत तब हुई जब विष्णु के आठवें अवतार कृष्ण ने भी छोड़ दी। 


कलयुग का अंत कब होगा?

कलयुग के अंत के बारे में सबसे व्यापक रूप से अज्ञात भविष्यवाणियों में से एक का यूनिक हिंदू धर्म के 18 महान पुराणों में से एक विष्णु पुराण में मिलता है। इस ग्रंथ के अनुसार कलियुग 4,32,000 वर्षों तक रहेगा, जिसमें से लगभग 5000 वर्ष हम पहले ही पूरे कर चुके हैं। पाठ में यह भी कहा गया है कि कलयुग भगवान विष्णु के 10 में और अंतिम अवतार कल्कि के प्रकट होने के साथ समाप्त होगा। 


कल्कि को परम रक्षक माना जाता है जो कलयुग की अराजकता और विनाश को समाप्त करने के लिए पृथ्वी पर आएंगे, और शांति और समृद्धि के एक नए युग की स्थापना करेंगे। भविष्यवाणी के अनुसार, कल्कि एक सफेद घोड़े की सवारी करेंगे, उनके हाथ में तलवार होगी और उनके साथ वह योधाओ का एक समूह होगा। वह बुरी ताकतों को हरा देगा और दुनिया में धार्मिकता लेकर आएगा। 


इसके अलावा कुछ दूसरे विद्वानों का मानना है कि कलयुग का अंत दुनिया के विनाश के साथ होगा। उनका मानना है कि दुनिया आग, बाढ़ और भूकंप से नष्ट हो जाएगी। 


कलयुग के अंत में क्या होगा?

दोस्तों अब जानते हैं कि कलयुग के अंत में क्या क्या होगा कलयुग के अंत में सबसे पहले तो यह होगा कि मनुष्य की औसत आयु 20 वर्षीय रह जाएगी। 5 वर्ष की छोटी उम्र में स्त्री गर्भवती हो जाएगी, 16 वर्षीय मनुष्य वृद्ध हो जाएंगे और 20 वर्ष की आयु में ही मृत्यु को प्राप्त हो जाएंगे। इंसान का शरीर घटकर बोना हो जाएगा। ब्रह्मा वैवर्त पुराण में बताया गया है कि कलयुग में एक ऐसा समय भी आएगा जब इंसान की उम्र बहुत कम रह जाएगी, युवावस्था समाप्त हो जाएगी, कली के प्रभाव से प्राणियों की शरीर, छोटे, छोटे सीनियर रोग ग्रस्त होने लगेंगे। जिस समय भगवान कल की इस धरती पर अवतरित होंगे। उस समय मनुष्य की परम  केवल 20 या 30 वर्ष रह जाएगी। जिस समय कलिक अवतार आएंगे। चारों वर्णों के लोग शुद्ध के समान हो जाएंगे। गौमाता भी बकरियों की तरह छोटी-छोटी और कम दूध देने वाली हो जाएगी। 


कलयुग के अंत में मनुष्य क्या खाएंगे?

कलयुग के अंत में संसार की एक ऐसी दशा होगी कि अनाज नहीं उगेगा। लोग मछली मांस ही खाएंगे, और भेड़ बकरियों का दूध पिएंगे। गाय तो दिखना भी बंद हो जाएगी। होगी भी तो बकरी के समान और वह दूध देना बंद कर देगी। एक समय ऐसा आएगा जब जमीन से आनाज उगना बंद हो जाएगा, पेड़ों पर फल नहीं लगेंगे और धीरे-धीरे यह सारी चीजें धरती से विलुप्त हो जाएगी। 


कलयुग के अंत में कैसा होगा मनुष्य का स्वभाव

स्त्रियां कठोर स्वभाव की और कड़वा बोलने वाली होगी वह पति की आज्ञा नहीं मानेगी। जिसके पास धन होगा उसी के पास स्त्रियां होगी। मनुष्य का व्यवहार गधों जैसा केवल गृहस्ती का भार उठाने वाला नहीं जाएगा। लोग विषय भोग से लिप्त रहेंगे, धर्म-कर्म का लोप हो जाएगा। मनुष्य जब रहित नास्ति को चोर बन जाएगा। सब एक दूसरे को लूटने में लगे रहेंगे, कलयुग में समाज हिंसक हो जाएगा, भीड़ में लोग आएंगे और एक मनुष्य की जान ले लेंगे। जो लोग बलवान होंगे उनका ही राज हो चलेगा। मानवता नष्ट हो जाएगी, रिश्ते खत्म हो जाएंगे एक भाई अपने ही भाई का शत्रु बन जाएगा। एक हाथ दूसरे हाथ को लूटेगा। पिता पुत्र का और पुत्र पिता का वध करने में भी संकोच नहीं करेंगे। अपनी प्रशंसा के लिए लोग बड़ी-बड़ी बातें बनाएंगे, किंतु समाज में उसका निंदा नहीं होगी। 


कलयुग की प्रतीकात्मक प्रकृति 

कलयुग के अंत का विचार हिंदू पौराणिक कथाओं और संस्कृति में गहराई से समाया हुआ है, ऐसा कब होगा इसका सुझाव देने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।


यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कलयुग की अवधारणा प्रकृति में प्रतीकात्मक और लाक्षणिक है, और इसे शाब्दिक रूप से नहीं लिया जाना चाहिए। यह मानव समाज की वर्तमान स्थिति का प्रतिनिधित्व है, जो लालच, भ्रष्टाचार और हिंसा से ग्रस्त है।


कई धार्मिक विद्वानों और आध्यात्मिक नेताओं का मानना है कि कलयुग का अंत एक बार की घटना नहीं है, बल्कि एक क्रमिक प्रक्रिया है जिसके लिए मानव से सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होती है। उनका तर्क है कि कलयुग को समाप्त करने का एकमात्र तरीका प्रेम, करुणा और अहिंसा जैसे गुणों को अपनाना है।


इस दृष्टिकोण के अनुसार, कलयुग का अंत किसी बाहरी शक्ति के हस्तक्षेप की प्रतीक्षा का विषय नहीं है, बल्कि व्यक्तियों के लिए अपने कार्यों की जिम्मेदारी लेने और समाज की बेहतरी में योगदान करने का एक अवसर है।



कलियुग के अंत की तैयारी के लिए हम क्या कर सकते हैं?

कुछ महान विद्वानों का मानना है कि एक नैतिक और आध्यात्मिक जीवन जीने से, वे शांति और समृद्धि के एक नए युग के आगमन में तेजी लाने में मदद कर सकते हैं। उनका मानना है कि वेदों और उपनिषदों की शिक्षाओं का पालन करके वे मोक्ष, या जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।


कुछ चीजें जो हिंदू कलियुग के अंत की तैयारी के लिए कर सकते हैं उनमें शामिल हैं:


  • शास्त्रों का अध्ययन करना

  • मनन करना

  • योगाभ्यास

  • दान देना

  • दूसरों की मदद करना

  • सादा जीवन व्यतीत करना


इन प्रथाओं का पालन करके, हिंदू अधिक शांतिपूर्ण और समृद्ध दुनिया बनाने में मदद कर सकते हैं, और ज्ञान के एक नए युग के आगमन में तेजी लाने में मदद कर सकते हैं।


युग को चार अवधियों में बांटा गया है

  • पहले काल को कृत, या सत्य, युग कहा जाता है। यह शांति और समृद्धि का समय था, और इसकी विशेषता गुण, ज्ञान और खुशी थी।


  • दूसरे काल को त्रेता युग कहा जाता है। यह कृत युग से पतन का समय था, और पुण्य में कमी और पाप में वृद्धि की विशेषता थी।


  • तीसरे काल को द्वापर युग कहा जाता है। यह त्रेता युग से और अधिक गिरावट का समय था, और यह और भी अधिक पाप और पुण्य में कमी की विशेषता थी।


  • चौथा और वर्तमान काल कलियुग कहलाता है। यह सबसे बड़ी गिरावट का समय है, और इसकी विशेषता हिंसा, लालच और विश्वास की कमी है।



कलयुग के अंत मैं कैसा होगा मनुष्य का धर्म ?

कलयुग में लोग शास्त्रों से विमुख हो जाएंगे। अनैतिक साहित्य ही लोगों को पसंद आएगा। बुरी बातें और बुरे शब्दों का ही व्यवहार किया जाएगा। स्त्री और पुरुष दोनों ही अधर्मी हो जाएंगे। स्त्रियाँ पतिव्रता धर्म का पालन करना बंद कर देंगी।और पुरुष भी ऐसा ही करेंगे। स्त्री और पुरुषों से संबंधित सभी वैदिक नियम विलुप्त हो जाएंगे। श्रीमद्भागवत के द्वादश खंड में कलयुग के धर्म के अंतर्गत श्री शुकदेवजी परीक्षित जी से कहते हैं, जो जो घोर कलयुग आता जाएगा त्यों त्यों धर्म, सत्य, पवित्रता, क्षमा, दया, आयु, बल और स्मरणशक्ति का लोप होता जाएगा।


महाप्रलय बहुत काल तक सूखा रहने के बाद कलयुग के अंतिम समय में बहुत मोटी मूसलाधार बारिश होगी जिससे चारों ओर पानी ही पानी हो जाएगा।समस्त पृथ्वी पर जल ही जल होगा। इसके बाद 1712 सूर्य उदय होंगे और उनके तेज से ये पृथ्वी सूख जाएगी। कलियुग के अंत में भयंकर तूफान और भूकंप आएँगे। लोग मकानों में नहीं रह पाएंगे। लोगों को गड्ढे खोदकर रहना पड़ेगा। धरती की सतह का तीन हाथ हिस्सा अर्थात लगभग 4.5 फुट नीचे तक धरती का उपजाऊ अंश  नष्ट हो जाएगा।


महाभारत में कलियुग के अंत में प्रलय होने का जिक्र है, लेकिन ये किसी जल प्रलय से नहीं बल्कि धरती पर लगातार बढ़ रही गर्मी से होगा।महाभारत के वनपर्व में उल्लेख मिलता है कि कलियुग के अंत में सूर्य का तेज इतना बढ़ जाएगा कि सातों समुद्र और नदियां सूख जाएंगी। संपर्क नाम की अग्नि धरती को पाताल तक जला देगी, सब कुछ बस में हो जाएगा। इसके बाद फिर 12 वर्षों तक लगातार बारिश होगी, जिससे सारी धरती जलमग्न हो जाएगी।


FAQ

Q.कलयुग कब शुरू हुआ और कब खत्म होगा?

Ans. पुराणों के अनुसार जो कलियुग का प्रारंभ हुआ था वो 3102 ईसा पूर्व से हुआ था।

इस गड़ना के अनुसार कलियुग 4,32,000 साल लंबा चलेगा। अभी ये कलयुग का पहला चरण ही चल रहा है। इसका मतलब पांच हजार एक सौ अठारह वर्ष कलियुग के निकल गए है और 4,26,882 वर्ष अभी भी बाकी है।


Q.कलयुग का अंत कौन करेगा ?

Ans.  वेद पुराणों के अनुसार भगवान्  विष्णु के 10 वे अवतार भगवान कल्कि कलयुग मैं अवतार लेंगे और कलयुग का अंत करेंगे ।


Q.कलयुग के बाद कौन सा युग आएगा ?

Ans. कलयुग के बाद फिर से सतयुग की स्थापना होगी


Conclusion

तो दोस्तों उम्मीद करते हैं कि अब आप जान गए होंगे, कि कलयुग का अंत कब और कैसे होगा। और उसके बाद कोनसा युग आयेगा। फिर भी अगर आपको इस आर्टिकल से जुड़ी कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट सेक्शन में पूछ सकते है और इसे अपने दोस्तों को socail media पर share जरूर करें। 




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