नमस्कार दोस्तों आज के आर्टिकल में हम आपको बताने वाला हूं, Scalping Trading क्या है? दोस्तों अभी के समय कि ज्यादा से ज्यादा इनकम कर सके, इस महामारी के दौर में हर कोई अपना इनकम में बढ़ोतरी करना चाहता है। इसीलिए आज हम एक ऐसा एप्लीकेशन को लेकर आए हैं, जिसकी मदद से आप अच्छा खासा पैसा इनकम कर सकते हैं। और वो एप्लीकेशन का नाम है। Scalping तो इसके बारे में हम विस्तार से जानेंगे। इसके लिए आपको हमारे आर्टिकल को आज तक पढ़ना होगा। जो कि आपके लिए बहुत खास होने वाला है।
स्कैल्पिंग ट्रेडिंग एक छोटे समय अंतराल में ट्रेडिंग करने का एक विशेष तकनीक है जो विभिन्न वित्तीय बाजारों में प्रयोग की जाती है। इस तकनीक में, ट्रेडर अपने खरीद और बेचने के निर्देशों को तुरंत निपटा देने के लिए छोटी-छोटी मुनाफे कमाने का प्रयास करते हैं। इस तकनीक में, ट्रेडर ध्यान से मूल्य के छोटे बदलावों को निगरानी करते हुए एक ट्रेड को कुछ ही समय में पूरा करते हैं और इस प्रकार अपनी मुनाफा बढ़ाते हैं। इस तकनीक का उपयोग स्टॉक मार्केट, फॉरेक्स, और क्रिप्टोकरेंसी जैसे विभिन्न बाजारों में किया जाता है।
स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में, ट्रेडरों को विशेष तरीकों का उपयोग करना पड़ता है जो उन्हें बाजार के साथ अपनी स्ट्रैटेजी के अनुसार ट्रेड करने में मदद करते हैं। इसमें छोटे स्टॉप लॉस और लक्ष्यों का उपयोग करने के साथ-साथ, ट्रेडरों को लगातार बाजार का अध्ययन करना और उसे अच्छी तरह समझना भी होता है। स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में, ट्रेडरों के पास एक शीघ्रता और तीव्रता की आवश्यकता होती है। उन्हें अपने खरीद और बेचने के निर्देशों को बहुत तेजी से निपटाने की क्षमता होनी चाहिए। इसलिए, यह तकनीक उन ट्रेडरों के लिए अधिक उपयुक्त होती है जो तेज मार्केट में काम करने में अधिक उद्योगी होते हैं।
इस तकनीक का उपयोग छोटी राशि के मुनाफे कमाने के लिए किया जाता है, इसलिए ट्रेडरों के लिए अहम होता है कि वे अपनी कार्यक्षमता को अच्छी तरह से समझें और बाजार में उपलब्ध विभिन्न वित्तीय उपकरणों का उपयोग करें। स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में ट्रेडरों को छोटी-छोटी मुनाफे कमाने की कोशिश करनी होती है, लेकिन इसमें बड़े नुकसानों का खतरा भी होता है। ट्रेडरों को अधिक संभवतः स्टॉप लॉस ऑर्डर का उपयोग करना चाहिए ताकि वे नुकसान से बच सकें।
Scalping Trading क्या है?
Scalping trading एक ऐसी trading strategy है जिसमें traders कम समय फ्रेम में बहुत सी trades करते हैं और छोटी छोटी प्रॉफिट की कोशिश करते हैं। यह ट्रेडिंग विधि आमतौर पर intraday trading में इस्तेमाल की जाती है, जहां traders एक दिन के अंतर्गत ट्रेड करते हैं और उन्हें दिन के अंत में सभी ट्रेड क्लोज कर देने होते हैं। Scalping trading में ट्रेडर्स आमतौर पर छोटी से छोटी price movements के लिए ट्रेड करते हैं, जिनसे वे छोटे प्रॉफिट कमाते हैं। इसलिए, इस ट्रेडिंग विधि में समय बहुत महत्वपूर्ण होता है और ट्रेडर के लिए लगातार मार्केट वॉच करना जरूरी होता है।
इसके अलावा, यह ट्रेडिंग विधि अधिकतर high-volume markets में इस्तेमाल की जाती है, क्योंकि इससे liquidity बढ़ती है और छोटे price movements की संभावना अधिक होती है। लेकिन, इस ट्रेडिंग विधि के जरिए प्रॉफिट कमाने के लिए, ट्रेडर को विस्तार से मार्केट के बारे में जानकारी होना चाहिए और अच्छी एनालिसिस की जरूरत होती है। Scalping trading एक बहुत ही aggressive trading strategy है, जिसमें ट्रेडर्स का स्कोप छोटा होता है और वे अपने trades को कुछ ही मिनटों या सेकंडों में खोलकर बंद करते हैं। यह ट्रेडिंग विधि ज्यादातर मार्केट मेकर्स द्वारा प्रभावित होती है और आमतौर पर दो तरह की ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल किया जाता है - market making और momentum trading.
Market Making और Momentum Trading क्या है?
Market making के लिए, ट्रेडर बिक्री और खरीद दोनों में से एक मार्केट मेकर के रूप में काम करते हैं। उनका उद्देश्य अपने कस्टमर्स को लिक्विडिटी प्रदान करना होता है और उनके लिए खरीद या बिक्री करने के लिए उन्हें सदैव उपलब्ध होने वाले मूल्य पर ट्रेड करना होता है। Momentum trading के लिए, ट्रेडर्स बहुत छोटे timeframes में विभिन्न मार्केट्स के प्रभावों के आधार पर trades को खोलते हैं। उनका उद्देश्य अपने trades में स्पीड लाना होता है जिससे वे छोटे-छोटे price movements का फायदा उठा सकें। Scalping trading के लिए ट्रेडर्स को उच्च स्तर की तत्परता और धैर्य रखने की जरूरत होती है, क्योंकि यह ट्रेडिंग विधि आमतौर पर बहुत तेजी से होती है और अतिरिक्त रिस्क को लेना पड़ता है। इसलिए, यह विधि वे ट्रेडर्स चुनते हैं जो मार्केट के ताजगी को अच्छी तरह से समझते हैं और इसे अच्छी तरह से विश्लेषण कर सकते हैं।
Scalping trading के लिए ट्रेडर्स को अपने trades को कुछ ही मिनटों या सेकंडों में खोलकर बंद करना होता है। इस तरह के trades में बड़ा रिस्क होता है, इसलिए ट्रेडर्स को अपनी स्टॉप-लॉस ऑर्डर को तुरंत लगाना होता है ताकि वे अपनी हानि को कम से कम रख सकें। इस ट्रेडिंग विधि का उद्देश्य अधिकतम लाभ कम समय में प्राप्त करना होता है। इसके लिए, ट्रेडर्स टेक्निकल एनालिसिस के उपयोग से मार्केट के ताजगी को अच्छी तरह से समझते हैं और छोटे-छोटे price movements का फायदा उठाते हैं। इस तरह के trades में बहुत छोटा लाभ होता है, लेकिन इनके अधिकतम लाभ स्वल्प होते हैं इस तरह के ट्रेडिंग में, ट्रेडर एक से अधिक ट्रेड करते हैं और नियमित रूप से अपनी पोजीशन को बदलते रहते हैं। यह ट्रेडिंग विधि मार्केट वोलेटिलिटी के अनुसार काम करती है, और इसमें बहुत अधिक विस्तृत विश्लेषण की जरूरत नहीं होती है।
Scalping trading के लिए ट्रेडर्स निम्नलिखित चीजों पर ध्यान देते हैं:
निजी समर्थन और जानकारी का उपयोग करना
स्थिरता और धैर्य रखना
अपने स्टॉप-लॉस ऑर्डर को तुरंत लगाना
छोटे-छोटे price movements का फायदा उठाना
मार्केट के ताजगी को समझना
यह ट्रेडिंग विधि बहुत तेजी से होती है, इसलिए ट्रेडर के पास अच्छी तत्परता और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए। इसके अलावा, अधिकतम लाभ कम समय में प्राप्त करने की चाहत वाले ट्रेडर्स ही इस विधि का उपयोग करते हैं। लेकिन, इसमें बड़ा रिस्क होता है और ट्रेडर्स को अपनी स्टॉप-लॉस ऑर्डर को तुरंत लगाना होता है।
Scalping trading के लिए ट्रेडर्स पर लोकप्रिय तकनीक?
1. मूविंग एवरेज
इस तकनीक में, ट्रेडर्स एक से अधिक मूविंग एवरेज का उपयोग करते हैं जो मार्केट में तेजी के साथ बदलते रहते हैं। ट्रेडर्स इस तकनीक के आधार पर ट्रेड खोलते हैं जब मूविंग एवरेज की लाइन तीखी उपरी या निचली ओर जा रही होती है।
2. स्टोचास्टिक ओशिलेटर
इस तकनीक में, ट्रेडर्स स्टोचास्टिक ओशिलेटर का उपयोग करते हैं जो मार्केट की तरंगों को मापता है। ट्रेडर्स इस तकनीक के आधार पर ट्रेड खोलते हैं जब स्टोचास्टिक ओशिलेटर का लाइन तीखी उपरी या निचली ओर जा रही होती है।
3. फिबोनाची लेवल
इस तकनीक में, ट्रेडर्स फिबोनाची लेवल का उपयोग करते हैं जो मार्केट की पिछली ऊंचाई और नीचाई को मापता है। ट्रेडर्स इस तकनीक के आधार पर ट्रेड खोलते हैं जब मार्केट की कीमत फिबोनाची लेवल के करीब होती है।
इन तकनीकों का उपयोग करके, स्कैल्पिंग ट्रेडर्स छोटे समय अंतरालों में ट्रेड खोलते हैं जो उन्हें त्वरित लाभ देते हैं। इन तकनीकों का उपयोग करके ट्रेडर्स मार्केट की ऊंचाई और नीचाई को मापते हुए खरीदारी और बिक्री के बीच स्थिरता का उल्लंघन करने की कोशिश करते हैं। इन तकनीकों में बहुत से स्कैल्पिंग ट्रेडर्स रिस्क-रिवार्ड रेशियो का उपयोग करते हैं जो उन्हें अधिकतम लाभ कम रिस्क के साथ प्राप्त करने में मदद करता है। यह तकनीक उन ट्रेडर्स के लिए उपयोगी होती है जो स्कैल्पिंग ट्रेडिंग के लिए नियमित रूप से टाइम स्लॉट्स निर्धारित करते हैं। इस तकनीक को समझने और सफलता हासिल करने के लिए, ट्रेडर्स को नियमित रूप से मार्केट की स्थिति का अध्ययन करना चाहिए और अपने रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम को मजबूत बनाना चाहिए।
स्कैल्पिंग ट्रेडिंग एक ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी होती है जिसमें ट्रेडर्स बहुत कम समय अंतरालों में ट्रेड खोलते हैं, जिससे वे त्वरित लाभ हासिल कर सकते हैं। इस तकनीक का उपयोग विभिन्न वित्तीय उत्पादों जैसे शेयरों, फ्यूचर्स, मुद्रा और कमोडिटीज़ में किया जा सकता है। स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में ट्रेडर्स को एक संभावित रुख का विश्लेषण करना होता है, जिससे वे लेनदेन का निर्णय ले सकें। उन्हें बड़ी राशि में ट्रेड करने की बजाय छोटे लेनदेन करने का निर्णय लेना होता है जो उन्हें नियमित छोटे लाभ प्रदान करते हैं। यह उन ट्रेडर्स के लिए उपयोगी होता है जो लंबे समय तक एक ही वित्तीय उत्पाद में नहीं रहना चाहते हैं।
स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में आप आमतौर पर ध्यान केंद्रित निम्नलिखित बात
शॉर्ट टर्म लेनदेन: स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में आप छोटे टाइमफ्रेम पर काम करते हैं और अपने निवेश को कम समय में बंद करते हैं।
स्कैल्प जोन: यह सीमित क्षेत्र होता है जहाँ आपको अपनी लेनदेन करनी होती है। यह क्षेत्र आमतौर पर बहुत कम होता है और आप वहाँ बहुत कम समय बिताते हैं।
लक्ष्य: स्कैल्पिंग ट्रेडिंग का लक्ष्य अत्यंत निम्न स्केल में निकलना होता है, जिससे आप त्वरित लाभ हासिल कर सकें।
रिस्क-रिवॉर्ड रेशियो: आप अपने लेनदेन के दौरान रिस्क-रिवॉर्ड रेशियो को ध्यान में रखते हुए निवेश करते होते हैं। आपका लक्ष्य होता है कि आप अपने निवेश से ज्यादा लाभ हासिल कर सकें।
लोस कट: स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में आप अपने निवेश के साथ हमेशा लोस कट आवश्यकता को ध्यान में रखते हैं।
Scalping trading कैसे करें?
यदि आप स्कैल्पिंग ट्रेडिंग करना चाहते हैं, तो निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
ट्रेडिंग अकाउंट खोलें: स्कैल्पिंग ट्रेडिंग करने के लिए, सबसे पहले आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होगा। एक अच्छा ट्रेडिंग ब्रोकर का चयन करें जो आपके ट्रेडिंग की आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है।
अध्ययन करें: स्कैल्पिंग ट्रेडिंग टेक्निक्स को समझने के लिए अध्ययन करें। आप तकनीकी विश्लेषण का उपयोग कर सकते हैं और चार्ट, इंडिकेटर और अन्य विश्लेषण उपकरणों का उपयोग करके चार्टिंग की अच्छी जानकारी होना चाहिए।
एक स्कैल्पिंग स्ट्रैटेजी चुनें: एक अच्छी स्कैल्पिंग स्ट्रैटेजी चुनें जो आपके लक्ष्यों और वित्तीय लक्ष्यों से मेल खाती हो। आपकी स्ट्रैटेजी में ट्रेड की एंट्री, लक्ष्य, स्टॉप लॉस और पोजीशन साइज़ शामिल होना चाहिए
स्कैल्पिंग ट्रेड करें: अपनी स्ट्रैटेजी के अनुसार ट्रेड करें। ट्रेड करने से पहले लक्ष्य, स्टॉप लॉस और पोजीशन साइज़ जैसे पैरामीटर का निर्धारण करें। एंट्री पर आप एक छोटी निश्चित समय सीमा रखें जैसे कि आप कुछ सेकंड या कुछ मिनट के भीतर ही ट्रेड करें। ट्रेड को जांचें और जब आप लक्ष्य को प्राप्त कर लें या स्टॉप लॉस तक पहुंच जाएं, तो ट्रेड को बंद करें।
मुख्य नियंत्रण बनाएं: ट्रेडिंग के दौरान मुख्य नियंत्रण का पालन करें। अपने व्यवहार में स्थिरता बनाए रखने के लिए नियमों का पालन करें। इससे आप अनुमानित कमाई या हानि से बच सकते हैं।
ट्रेडिंग के बाद अपनी स्ट्रैटेजी को निरीक्षित करें: ट्रेडिंग के बाद अपनी स्ट्रैटेजी को निरीक्षित करें और उसमें कोई बदलाव करने की जरूरत हो तो करें।
स्कैल्पिंग ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान
स्कैल्पिंग ट्रेडिंग के कुछ फायदे और नुकसान निम्नलिखित हैं:
फायदे:
स्कैल्पिंग ट्रेडिंग लघु समय के भीतर तेजी से पैसे कमाने की अनुमति देती है।
इस ट्रेडिंग टेक्निक में रिस्क बहुत कम होता है।
स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में ज्यादातर समय छोटी आवंटित समय अवधि के भीतर होता है जो ट्रेडर को अधिक मार्जिन लाभ देता है।
स्कैल्पिंग ट्रेडिंग विभिन्न वित्तीय उपकरणों जैसे मार्केट डेप्थ, स्कैल्पिंग सॉफ्टवेयर आदि का उपयोग करने की अनुमति देता है।
स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में स्कैल्पर अधिक मार्जिन लाभ करते हैं क्योंकि वे एक लाभप्रद ट्रेड के बाद ही निकास कर सकते हैं।
नुकसान:
स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में तेजी से काम करने के कारण यह ट्रेडिंग ज्यादातर ट्रेडर को स्ट्रेस देती है।
अधिक ट्रेड्स और कम समय अवधि के कारण, अधिक फीस और कमीशन का भुगतान करना पड़ सकता है।
ज्यादातर स्कैल्पिंग ट्रेडर केवल छोटे लाभ ही हासिल करते हैं। अधिक लाभ के लिए वे ज्यादा ट्रेड्स करते हैं जो उन्हें बड़े नुकसान की ओर ले जाते है।
Conclusion
Scalping trading एक ऐसी trading strategy है जिसमें traders कम समय फ्रेम में बहुत सी trades करते हैं और छोटी छोटी प्रॉफिट की कोशिश करते हैं। यह ट्रेडिंग विधि आमतौर पर intraday trading में इस्तेमाल की जाती है, इस तकनीक में ट्रेडर एक या एक से अधिक ट्रेड करते हैं, जिसे वह अपने वित्तीय लक्ष्यों तक पहुंचाने के लिए उपयोग करता है। स्कैल्पिंग ट्रेडिंग का लक्ष्य लाभ कम लेकिन अधिक मार्जिन के साथ त्वरित वापसी होती है। हालांकि, इस तकनीक में लागू होने वाली फीस और कमिशन ज्यादा हो सकते हैं और यह ज्यादा नकदी के बिना ट्रेडिंग के लिए संभव नहीं है। स्कैल्पिंग ट्रेडिंग उन ट्रेडरों के लिए उपयोगी होती है जो शीघ्र वापसी करना चाहते हैं और छोटी लाभ की कोशिश करना चाहते हैं, लेकिन यह नए ट्रेडरों के लिए अनुभवी ट्रेडरों से ज्यादा खतरनाक हो सकती है।
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